मुंबई, 02 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रूस की संसद ड्यूमा ने साल 2025 के लिए 10 लाख 67 हजार करोड़ रुपए (126 बिलियन डॉलर) के डिफेंस बजट को मंजूरी दी है। जो कुल सरकारी खर्च का लगभग 32.5% है। CNN के मुताबिक यह रकम पिछले साल के डिफेंस बजट के मुकाबले 2 लाख 37 हजार करोड़ रुपए (28 बिलियन डॉलर) ज्यादा है। इस नए तीन वर्षीय बजट में साल 2026 और 2027 के लिए सैन्य खर्च में मामूली कटौती का भी अनुमान लगाया गया है। ड्यूमा के दोनों सदनों से बजट को मंजूरी मिल गई है। रूस ने पिछले दो सालों से डिफेंस बजट लगातार बढ़ोतरी की है। इसका असर रूसी इकॉनमी पर भी पढ़ रहा है। देश में महंगाई बहुत ज्यादा है और कंपनियों को लेबर की कमी से जूझना पड़ रहा है। हालात संभालने के लिए रूसी सेंट्रल बैंक ने अक्टूबर में ब्याज दरें बढ़ाकर 21% कर दी, जो दस साल में सबसे ज्यादा है। युद्ध की वजह से रूस की इकोनॉमी और आबादी पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। यूक्रेन से कहीं ज्यादा आबादी होने के बाद भी रूस को नए सैनिकों की भर्ती में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन को लगातार पश्चिमी देशों से आर्थिक और सामरिक मदद हासिल हो रही है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने सोमवार को यूक्रेन को लगभग 5 हजार करोड़ रुपए (684 मिलियन डॉलर) के मिलिट्री इक्विपमेंट देने की घोषणा की। साथ ही, रूस-यूक्रेन का यह युद्ध सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद यूरोप में सबसे बड़ा संघर्ष है। मॉस्को को कई मोर्चे पर बढ़त हासिल है, लेकिन अगस्त में यूक्रेन ने कुर्स्क में अचानक हमला कर रूस के बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था। हालांकि, अब रूस ने यूक्रेनी कब्जे से 40% जमीन को वापस छीन ली है। दोनों एक दूसरे पर घातक मिसाइलों से भी हमला कर रहे हैं। जहां यूक्रेन ने ब्रिटेन से हासिल स्टॉर्म शैडो मिसाइल से हमला किया तो रूस ने इसके जवाब में बैलिस्टिक मिसाइल से पलटवार किया। डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद इस युद्ध के किसी निर्णायक मोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है। अपने इलेक्शन कैंपेन के दौरान ट्रम्प एक दिन में यूक्रेन वॉर रुकवाने का दावा कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई डिटेल जानकारी नहीं दी थी।